अम्मा क्यों भाग गयी थी

घर में सबसे छोटा था
अपनी मनमानी करता था
खूब लड़ दुलार होता था
बस उस दिन तक
जिस दिन तक अम्मा घर पर थी
एक दिन वो यु ही चली गयी
सब कहते है वो भाग गयी
बस फिर मैं बड़ा हो गया
किसी तरह अम्मा का पता ढूंढा
वहां गया तो देखा
अम्मा अपनी मनमानी कर रही थी
पहली बार मैंने अम्मा को खुश देखा था
फिर मैं समझा
अम्मा क्यों भाग गयी थी.

रिश्तों कि जंजीर

आसमान में उड़ते हुए परिंदों को देख मैने
आस हुई कि मैन भी उड़ चलू
हिम्मत बटोर के अपने छोटे से कमरे से निकली मैं
अपने बाहों और अंगों को खिंचा मैने
अपने परों को सहलाया
और फिर रुक गई
क्योंकि रिश्तों कि जंजीर ने बाँध लिया
जब अपने छोटे से बच्चे को बिलखते देख मैने

मैं वो कलम हूं

मैं वो कलम हूं
जिसकी स्याही कभी मिटती नहीं
अगर कुछ अच्छा लिखा जाये
तो व्यर्थ हो सकता हैं
अगर कुछ खराब लिखा जाये
तो अनर्थ हो सकता हैं.

नासमझी

हम समझे कि वो नादान हैं
और वो समझे कि हम अनाड़ी हैं
इसी नासमझी में वो और हम
दोनों ही किसी और के हो कर रह गये.

Love

Love is like a flowing river

When it reached the ocean

It becomes vast

But when it floods

It destroys vast

I am

 

I am somebody’s daughter too

Maybe not as precious as your own daughter

But I would not judge you

Because I am somebody’s mother too

 

Senses of a different kind

You can hear from the heart
You can feel from the sight
You can touch from the words
You can see from the touch
You can taste from the smell
These are all the senses
Of a different kind

My mind

Sometimes it is like the morning hue

Sometimes it is like the chimney fleu

Don’t judge me…because my mind is never at rest

Instead help me…to heal at ease

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